Property Tax Hack: प्रॉपर्टी टैक्स कैलकुलेट करने का सही तरीका अपनाएं और बचाएं हजारों रुपये

प्रॉपर्टी टैक्स की सही कैलकुलेशन कैसे करें और कानूनी तरीके से टैक्स बचाने के आसान टिप्स जानें, जो हर घर के मालिक को पता होने चाहिए। आगे पढ़ें और बचत शुरू करें!

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प्रॉपर्टी टैक्स भारत में हर संपत्ति मालिक के लिए एक जरूरी कर है, जो स्थानीय नगर निगम या नगर पालिका द्वारा वसूला जाता है। हालांकि, सही जानकारी और समझ के साथ आप इस टैक्स को सही तरीके से कैलकुलेट कर लाखों रुपये बचा सकते हैं। इस लेख में प्रॉपर्टी टैक्स की गणना का सरल तरीका और टैक्स बचाने के कुछ प्रभावी उपाय बताए गए हैं।

प्रॉपर्टी टैक्स क्या है?

प्रॉपर्टी टैक्स एक वार्षिक कर है जो जमीन या मकान की कीमत के आधार पर स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया जाता है। यह टैक्स आपके क्षेत्र की सेवाओं जैसे सड़कों, पानी, सफाई, और अन्य सुविधाओं के लिए इस्तेमाल होता है। इसके बिना स्थानीय प्रशासन सही तरीके से काम नहीं कर सकता।

प्रॉपर्टी टैक्स कैलकुलेशन के प्रमुख तरीके

प्रॉपर्टी टैक्स का निर्धारण आमतौर पर तीन तरीकों से होता है जो स्थानीय निकायों से जुड़े नियमों पर निर्भर करता है:

  • कैपिटल वैल्यू सिस्टम: इसमें प्रॉपर्टी की वर्तमान मार्किट वैल्यू के आधार पर टैक्स लगाया जाता है।
  • यूनिट एरिया सिस्टम: इस विधि में प्रॉपर्टी के क्षेत्रफल के हिसाब से तय दर से टैक्स निकाला जाता है।
  • वार्षिक किराया प्रणाली: इसमें संपत्ति का अनुमानित वार्षिक किराया तय कर उसके कुछ प्रतिशत के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है।

आपकी संपत्ति किस तरीके से टैक्स के अंतर्गत आती है, यह आपके इलाके के नगर निगम द्वारा निर्धारित होता है।

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टैक्स कैलकुलेशन के दौरान ध्यान रखें ये बातें

  1. प्रॉपर्टी के क्षेत्रफल और मूल्यांकन को स्थानीय रिकॉर्ड से मिलाएं, ताकि गलत आंकड़ों की वजह से अधिक टैक्स न देना पड़े।
  2. अपने इलाके के ठीक टैक्स रेट जानें और उसी के अनुसार कैलकुलेट करें।
  3. टैक्स नीति समय-समय पर बदलती रहती है, इसलिए नवीनतम नियमों की जानकारी रखें।

प्रॉपर्टी टैक्स बचाने के कारगर उपाय

  • छूट और रियायतें प्राप्त करें: कई नगर निगम विशेष वर्गों जैसे वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों, और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को टैक्स छूट प्रदान करते हैं। अपना पात्रता प्रमाणपत्र इकट्ठा रखें और आवेदन करें।
  • समय से भुगतान करें: समय पर टैक्स जमा करने पर कई बार छूट मिलती है, और विलंब शुल्क से बचा जा सकता है।
  • टैक्स विवरण की जाँच करें: गलती से ज्यादा टैक्स लगाया गया हो तो स्थानीय कार्यालय से विवाद समाधान और पुनर्मूल्यांकन के लिए संपर्क करें।
  • प्रॉपर्टी लोन पर टैक्स लाभ उठाएं: होम लोन की ब्याज राशि पर टैक्स छूट मिलती है, जो आपकी कुल टैक्स देनदारी को कम कर सकती है।

पूंजीगत लाभ कर में बचत कैसे करें?

जब आप अपनी प्रॉपर्टी बेचते हैं, तब जो लाभ होता है उसे पूंजीगत लाभ कर के अंतर्गत टैक्स देना होता है। लेकिन:

  • दूसरी रिहायशी संपत्ति में निवेश करके आप सेक्शन 54 और 54F के तहत कर छूट का दावा कर सकते हैं।
  • निवेश को सही समय पर पुनर्निवेश करना जरूरी होता है ताकि छूट का लाभ मिलेगा।
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info@amritycollege.org.in

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