School Update: बढ़ती ठंड से स्कूलों की टाइमिंग बदली, अभिभावक तुरंत देखें आदेश

पटना में बढ़ती ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव किया है। अब पहली क्लास सुबह 8 बजे से पहले नहीं शुरू होगी। घने कोहरे और गिरते तापमान से बच्चों को हो रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि उनकी सेहत और सुरक्षा बनी रहे।

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School Update: बढ़ती ठंड से स्कूलों की टाइमिंग बदली, अभिभावक तुरंत देखें आदेश

दिसंबर की ठंडी हवाओं ने बिहार, खासकर राजधानी पटना को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। जैसे-जैसे सुबह की ठिठुरन बढ़ने लगी है, वैसे-वैसे लोगों की दिनचर्या पर इसका असर साफ दिखने लगा है। स्कूली बच्चों के लिए तो यह मौसम और भी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए अब पटना जिला प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों के समय में बदलाव करने का फैसला लिया है।

शिक्षा जिला अधिकारी (DEO) की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि अब राजधानी के किसी भी स्कूल में पहली क्लास सुबह 8 बजे से पहले शुरू नहीं होगी। ठंड और कोहरे की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी हो रही थी, इसलिए यह कदम फिलहाल दिसंबर महीने के लिए लागू किया गया है। सभी स्कूल प्रिंसिपलों और प्रबंधन को आदेश की प्रति भेज दी गई है और निर्देश दिए गए हैं कि नए टाइमिंग का पालन सख्ती से किया जाए।

बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता

सुबह-सुबह कोहरा इतना घना हो गया है कि एक-दो फीट आगे तक साफ दिखाई नहीं देता। कई पैरेंट्स ने शिकायत की थी कि बच्चे ट्रांसपोर्ट का इंतजार करते हुए काँपते रहते हैं, जिससे उन्हें सर्दी-जुकाम या बुखार की दिक्कत हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रशासन ने फैसला किया कि सुबह की ठंड से बचाने के लिए स्कूल टाइम थोड़ा आगे बढ़ाया जाए। इस कदम को पटना के पैरेंट्स और टीचर्स ने काफी सकारात्मक तरीके से लिया है।

बच्चों की हेल्थ और सेफ्टी को देखते हुए यह बदलाव एक जरूरी कदम माना जा रहा है। अब अधिकतर स्कूलों में क्लासेस 8 बजे या उसके बाद शुरू होंगी और छुट्टी का समय भी उसी के अनुसार एडजस्ट किया जाएगा।

बिहार में बढ़ती ठंड का असर

मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर के पहले सप्ताह से ही बिहार में तापमान लगातार नीचे जा रहा है। कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच चुका है। सुबह और शाम की हवाएं बर्फीली हो चली हैं, जिससे लोगों को घरों में ही रहना ज्यादा सुरक्षित लग रहा है। तेज ठंडी हवा और कोहरे के कारण सड़क यातायात और आम दिनचर्या दोनों प्रभावित हो रहे हैं।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट आ सकती है। उत्तर बिहार के इलाकों में तो पहले ही पाला पड़ना शुरू हो गया है। अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो स्कूल टाइमिंग में और बदलाव की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

Air Quality भी चिंता का कारण

ठंड के साथ-साथ पटना की एक और बड़ी समस्या है बढ़ता प्रदूषण। शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच चुकी है, जो “Very Poor” कैटेगरी में आती है। इसका मतलब है कि सांस संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे लोगों के लिए यह मौसम बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। स्कूल आने-जाने वाले छोटे बच्चों पर भी इसका असर देखा जा रहा है।

डॉक्टर्स का कहना है कि ठंडी हवा और प्रदूषण के मिलते ही सर्दी, खांसी, वेंटीलेटरी प्रॉब्लम जैसे मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में स्कूल टाइम में बदलाव करना न सिर्फ ठंड से बचाव बल्कि हेल्थ सेफ्टी के लिहाज से भी एक समझदारी भरा कदम है।

पैरेंट्स और टीचर्स की प्रतिक्रियाएँ

जहाँ कुछ माता-पिता ने राहत की सांस ली है, वहीं कुछ का कहना है कि जल्दबाजी में यह बदलाव थोड़ा अजीब है क्योंकि कई स्कूल बसों के शेड्यूल पहले से तय रहते हैं। हालांकि, अधिकांश पैरेंट्स मानते हैं कि बच्चों की सेहत पहले आनी चाहिए।

टीचर्स का भी कहना है कि इस बार ठंड काफी जल्दी और तेज आ गई है, ऐसी स्थिति में अगर प्रशासन समय पर कदम नहीं उठाता, तो बच्चों की अटेंडेंस और परफॉर्मेंस दोनों प्रभावित हो सकते थे।

आगे की संभावनाएँ

प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर आने वाले हफ्तों में स्कूल टाइमिंग को फिर से रिव्यू किया जा सकता है। फिलहाल, शनिवार और रविवार की छुट्टी के अलावा नियमित क्लास टाइम सुबह 8 बजे के बाद ही रखा जाएगा। ठंड बढ़ने पर स्कूल बंद करने या शीतकालीन अवकाश (Winter Break) की घोषणा पर भी विचार किया जा सकता है।

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