
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक आदेश जारी किया है जिसमें स्मार्टफोन निर्माताओं के लिए भारत में बेचे जाने वाले सभी नए उपकरणों में ‘संचार साथी’ (Sanchar Saathi) ऐप को प्री-इंस्टॉल (पहले से डाउनलोड) करना अनिवार्य कर दिया है।
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संचार साथी एप क्या है, कैसे करेगा मदद
संचार साथी एप सरकार का बनाया साइबर सिक्योरिटी टूल है, जो 17 जनवरी 2025 को लॉन्च हुआ था, अभी यह एपल और गूगल प्ले स्टोर पर वॉलंटरी डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, लेकिन अब नए फोन में यह जरुरी होगा, एप यूजर्स को कॉल, मैसेज या वॉट्सएप चैट रिपोर्ट करने में मदद करेगा, IMEI नंबर चेक करके चोरी या खोए फोन को ब्लॉक करेगा।
मुख्य बिंदु
- यह ऐप नए हैंडसेट के लिए अनिवार्य होगा और इसे डिवाइस सेटअप के दौरान उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट रुप से दिखाई देना चाहिए।
- कंपनियों (जैसे Apple, Samsung, Vivo, Oppo, Xiaomi) को इन निर्देशों का पालन करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है और 120 दिनों के भीतर एक अनुपालन रिपोर्ट (compliance report) जमा करनी होगी।
- रिपोर्टों के अनुसार, ऐप को इस तरह इंस्टॉल किया जाना चाहिए कि उपयोगकर्ता इसे आसानी से अनइंस्टॉल या डिसेबल (अक्षम) न कर सकें।
- जो फोन पहले से बाजार में हैं, उनमें भी सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप उपलब्ध कराया जाएगा।
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उद्देश्य
- सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी (साइबर फ्रॉड), चोरी हुए फोन का पता लगाने, डुप्लीकेट IMEI नंबर पर रोक लगाने और दूरसंचार सुरक्षा को मजबूत करना है।
यह कदम निजता अधिवक्ताओं (privacy advocates) और विपक्ष के कुछ वर्गों के बीच बहस का विषय बन गया है, जिन्होंने निगरानी (surveillance) को लेकर चिंता जताई है, सरकार ने इन चिंताओं को खारिज करते हुए कहा है कि इसका मकसद धोखाधड़ी रोकना है।

















