
आयकर विभाग एक बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है, जिसका सीधा असर करोड़ों करदाताओं पर पड़ेगा, जनवरी 2026 तक, आयकर विभाग एक नए और सरल आयकर अधिनियम, 2025 के तहत नए ITR (आयकर रिटर्न) फॉर्म और नियमों को अधिसूचित करने की योजना बना रहा है, ये परिवर्तन अगले वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होंगे।
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60 साल पुराने कानून की जगह लेगा नया अधिनियम
ये बहुप्रतीक्षित बदलाव 60 साल पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेंगे। नए कानून का प्राथमिक उद्देश्य भारत की कर प्रणाली को सरल, आधुनिक और अधिक पारदर्शी बनाना है, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष ने संकेत दिए हैं कि नए फॉर्म करदाताओं के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल (user-friendly) होंगे, जिससे अनुपालन प्रक्रिया आसान होगी।
प्रमुख परिवर्तन और प्रभाव
सभी मौजूदा फॉर्म होंगे बंद
- 1 अप्रैल, 2026 से, ITR 1 से 7 तक सभी मौजूदा आयकर रिटर्न फॉर्म अमान्य हो जाएंगे। इनके स्थान पर नए ITR अधिनियम 2025 के अनुरूप नए, एकीकृत फॉर्म लागू किए जाएंगे।
कानून का सरलीकरण
- नए कानून में जटिल कानूनी भाषा, अनावश्यक प्रावधानों और पुराने शब्दों को हटा दिया गया है, मौजूदा 819 धाराओं की तुलना में, नए अधिनियम में केवल 536 धाराएं होंगी, जिससे कानून को समझना और लागू करना आसान हो जाएगा।
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तैयारियों के लिए पर्याप्त समय
- CBDT ने स्पष्ट किया है कि नए फॉर्म जनवरी 2026 तक जारी कर दिए जाएंगे। यह कदम करदाताओं, कर सलाहकारों (CAs) और सॉफ्टवेयर प्रदाताओं को नई प्रणाली के अनुसार अपने सिस्टम और प्रक्रियाओं को अपडेट करने के लिए लगभग तीन महीने का पर्याप्त समय प्रदान करेगा।
नई कर व्यवस्था पर फोकस
- ऐसी संभावना है कि नए ITR फॉर्म का डिज़ाइन नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को डिफ़ॉल्ट विकल्प के रूप में बढ़ावा देगा। हालांकि, पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) चुनने का विकल्प भी करदाताओं के लिए उपलब्ध रहेगा।
पारदर्शिता और विवाद में कमी
- नए ITR फॉर्म का लक्ष्य स्पष्टता बढ़ाना, सामान्य गलतियों को कम करना (जैसे आय का गलत वर्गीकरण) और करदाताओं व विभाग के बीच होने वाले विवादों को घटाना है।
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करदाता क्या करें?
संक्षेप में, इन बदलावों का उद्देश्य ITR फाइलिंग की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है। करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे इन आगामी परिवर्तनों के बारे में जागरूक रहें और आधिकारिक घोषणाओं पर नजर रखे, अधिक जानकारी और अपने करों की गणना के लिए करदाता आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं। ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर का उपयोग करने के लिए क्लियरटैक्स जैसे ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध हैं।

















