Bijli Chori: बिजली चोरी करने वालों की अब खैर नहीं, सरकार ने शुरू की कड़ी कार्रवाई

राजस्थान में बिजली चोरों की खैर नहीं! निगम ने रातोंरात डीग और 10 गांवों में छापेमारी कर 32 जगहों पर चोरी पकड़ी, 14 लाख का जुर्माना ठोका। मीटर बायपास, डायरेक्ट कनेक्शन उजागर! अब स्मार्ट मीटर और AI से चोरी पर लगाम, ईमानदार ग्राहकों को राहत। आगे सख्ती जारी!

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राजस्थान की बिजली व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। बिजली निगम की टीमें रात के अंधेरे में सर्किट तोड़ने वालों पर भारी पड़ रही हैं। हाल ही में एक बड़े अभियान में दर्जनों जगहों पर चोरी पकड़ी गई, जिससे निगम को 14 लाख रुपये से ज्यादा की रिकवरी हो गई। यह कदम न सिर्फ राजस्व बचाएगा, बल्कि ईमानदार कस्टमर्स को भी राहत देगा।

रात के सन्नाटे में चली सघन जांच

जब पूरा शहर सो रहा था, तब बिजली विभाग की विजिलेंस टीमें एक्शन मोड में थीं। डीग शहर से लेकर आसपास के गांवों तक – जनूथर, खोह, चुल्हैरा, भियाड़ी, पहलवाड़ा और सामई जैसे इलाकों में एक साथ दबिश दी गई। घर-घर जाकर मीटर चेक किए गए, तारों की तहकीकात हुई। कई जगह डायरेक्ट कनेक्शन से लाइटें जल रही थीं, तो कहीं मीटर बायपास कर फ्री बिजली ली जा रही थी। एसी, कूलर जैसे हेवी अप्लायंसेज चोरी की करंट पर दौड़ रहे थे, जो निगम को भारी नुकसान पहुंचा रहे थे।​

चार टीमें, दस गांवों पर निशाना

यह ऑपरेशन किसी प्लानिंग के बिना नहीं था। चार अलग-अलग टीमें बनाई गईं, जो अलग-अलग जोन कवर कर रही थीं। कुल 32 स्पॉट्स पर अनऑथराइज्ड हुकअप्स और मीटर टैम्परिंग के केस मिले। मौके पर ही गलत तारें काटी गईं, मीटर जब्त करने की प्रोसेस शुरू हो गई। अधिशासी इंजीनियर मनोज वर्मा ने साफ कहा – यह टॉप लेवल के ऑर्डर्स पर हो रहा है। चोरी पर परमानेंट कंट्रोल चाहते हैं हम, और यह सिर्फ बिगिनिंग है। आने वाले दिनों में ऐसे रेड्स रेगुलर होंगे।​

चोरी का असर: सबको नुकसान

बिजली चोरी सिर्फ चोरों का गेम नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम को कमजोर करती है। इससे लाइन लॉस बढ़ता है, रेवेन्यू ड्रॉप होता है और बाकी कस्टमर्स को स्प्लाई में दिक्कत होती है। रातभर चोरी से ट्रांसफॉर्मर्स पर लोड पड़ता है, ब्रेकडाउन बढ़ते हैं। निगम का कहना है कि ईमानदार बिल पेयर्स को अब झेलना नहीं पड़ेगा। हर यूनिट का सही अकाउंट होगा, ताकि बिलिंग फेयर रहे।

भविष्य की स्मार्ट प्लानिंग

राजस्थान सरकार अब पारदर्शिता पर फोकस कर रही है। स्मार्ट मीटर्स लगाने का प्लान तेज है, रियल-टाइम रीडिंग से चोरी पकड़ना आसान हो जाएगा। AI बेस्ड सर्विलांस सिस्टम आ रहा है, जो 24/7 मॉनिटरिंग करेगा। ऊर्जा पॉलिसी में लाइन लॉस रिडक्शन टॉप प्रायोरिटी है। विभाग ने अलर्ट किया – चोरी क्राइम है, फाइन के साथ कोर्ट केस भी होगा। लोगों से अपील है, अवैध कनेक्शन न लें, बल्कि चोरी की टिपऑफ दें। इससे सबका फायदा।

यह मुहिम राज्य की पावर सिस्टम को नया जीवन देगी। चोरों को सबक मिला है, और ईमानदार यूजर्स को जस्टिस मिलेगा। आगे क्या होगा, वो आने वाले अभियानों से साफ हो जाएगा। कुल मिलाकर, राजस्थान अब बिजली के मामले में सीरियस हो गया है – कोई चोरी, कोई बहाना नहीं चलेगा!

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