चुनाव के समय वोटर लिस्ट अपडेट के नाम पर लोगों को फंसाने वाले साइबर फ्रॉड की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। ठग SIR फॉर्म का जाल फैला कर मतदाता को धमकी देते हैं कि अगर फॉर्म नहीं भरा तो उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया जाएगा। इस धोखाधड़ी के पीछे की सच्चाई और इससे बचने के उपाय जानना बेहद जरूरी है।

Table of Contents
SIR फॉर्म क्या है?
SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, चुनाव आयोग द्वारा चलाया गया एक आधिकारिक अभियान है। इसका मकसद वोटर लिस्ट को सही और अपडेटेड रखना होता है। इसमें मतदाताओं की जानकारियों की तसदीक़ी की जाती है ताकि गलत या पुराने डेटा को हटाया जा सके।
धोखाधड़ी का तरीका
साइबर अपराधी फोन करके खुद को चुनाव आयोग का अधिकारी बताते हैं और वोटर लिस्ट से नाम कटने की धमकी देते हैं। वे SIR फॉर्म भरने के नाम पर OTP, बैंक डिटेल्स या मोबाइल में मालवेयर डाउनलोड करवाने की कोशिश करते हैं। इस तरह वे आपकी बैंकिंग, यूपीआई, और अन्य डिजिटल सेवाओं तक पहुंच बना लेते हैं।
खतरे के संकेत
- अनजान नंबर से कॉल आए और वोटर लिस्ट अपडेट या SIR फॉर्म भरने के लिए दबाव बने।
- OTP या पर्सनल जानकारी मांगना।
- मोबाईल में कोई एप या लिंक डाउनलोड करने को कहना।
- नाम कट जाने या वोटर अधिकार समाप्त होने की धमकी देना।
यह भी पढ़ें- SIR Update: अगर SIR में आपका नाम कट गया तो क्या होगा? क्या दोबारा जुड़ सकता है नाम? यहां जानें पूरी जानकारी
कैसे बचें?
- कभी भी OTP या बैंक डिटेल्स फोन पर शेयर न करें।
- फर्जी लिंक या एप डाउनलोड न करें।
- चुनाव आयोग से संबंधित कोई भी जानकारी कानूनी चैनल्स से ही सत्यापित करें।
- संदिग्ध कॉल मिलने पर तुरंत फोन काट दें।
- साइबर अपराध के शिकार होने पर पुलिस या हेल्पलाइन से संपर्क करें।
क्यों लोग फंसते हैं?
वोटर लिस्ट से नाम कटने की धमकी सुनकर लोग डर जाते हैं और बिना जांच के अपनी व्यक्तिगत जानकारी दे देते हैं। बुजुर्ग और ग्रामीण इलाकों के लोग अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि उन्हें इस डिजिटल धोखाधड़ी की जानकारी कम होती है।

















