आज के जमाने में जहां हर चीज़ डिजिटल हो रही है, आपका क्रेडिट स्कोर भी अब आपकी आर्थिक छवि का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। यह स्कोर बैंक, फाइनेंस कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा आपकी क्रेडिट योग्यता को नापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या सिर्फ एक दिन की पेमेंट में देरी से आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा? इस लेख में इस सवाल का सटीक जवाब दिया गया है।

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क्रेडिट स्कोर क्या होता है और क्यों जरूरी है?
क्रेडिट स्कोर आपके वित्तीय व्यवहार का एक अंकित मूल्यांकन होता है, जो यह दर्शाता है कि आप अपने कर्जों का भुगतान कितनी जिम्मेदारी से करते हैं। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको बेहतर लोन शर्तें, क्रेडिट कार्ड मंजूरी, और अन्य फाइनेंशियल फायदे दिला सकता है। इसलिए इसे बनाना और बनाए रखना बहुत जरूरी होता है।
क्या एक दिन की देरी से क्रेडिट स्कोर प्रभावित होता है?
बहुत सारे लोग सोचते हैं कि बिल पेमेंट में केवल एक दिन की देरी से भी उनके स्कोर को नुकसान पहुंच सकता है। पर वास्तविकता इससे अलग है। ज्यादातर बैंकों और क्रेडिट एजेंसियों के नियम ऐसे हैं कि पेमेंट के बाद कुछ दिन का ‘ग्रेस पीरियड’ दिया जाता है। इस दौरान अगर आप अपनी पेमेंट कर देते हैं तो इसे लेट पेमेंट नहीं माना जाता और आपका क्रेडिट स्कोर सुरक्षित रहता है। इस ग्रेस पीरियड की अवधि आमतौर पर 3 से 7 दिन होती है।
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लेट पेमेंट की गंभीरता कब होती है?
क्रेडिट एजेंसियां केवल तब आपके क्रेडिट रिपोर्ट में नेगेटिव मार्क लगाती हैं जब पेमेंट 30 दिनों से अधिक देर से हो। ऐसी स्थिति में आपका स्कोर गिरना शुरू हो जाता है, और गिरावट भुगतान की अवधि के साथ और अधिक बढ़ती है। अतः 30 दिन से कम की देरी क्रेडिट स्कोर पर ज्यादा असर नहीं डालती।
लेट फीस और ग्रेस पीरियड के बारे में जानें
हाल ही में बैंकिंग कंट्रोलिंग बोर्ड ने नियम बनाए हैं कि प्रत्येक बैंक अपने ग्राहकों को कम से कम 3 दिन का ग्रेस पीरियड दे। इस दौरान भुगतान करने पर कोई लेट फीस नहीं लगती। हालांकि, एक दिन की देरी पर कुछ बैंक या कार्ड जारीकर्ता न्यूनतम लेट फीस लागू कर सकते हैं, पर ये फीस आमतौर पर ₹100 से ₹1000 के बीच होती है।
क्रेडिट स्कोर सुरक्षित रखने के उपाय
- हमेशा अपनी पेमेंट ड्यू डेट ध्यान में रखें और समय से पहले भुगतान करने की आदत डालें।
- पेमेंट भूलने से बचने के लिए अपने बैंक खातों में ऑटोमैटिक डेबिट या रिमाइंडर सेट करें।
- अपने क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित जांचें ताकि किसी भी गलत रिकॉर्ड को समय रहते सुधार सकें।
- अगर किसी कारणवश देर होती है, तो इसे बार-बार न होने दें क्योंकि इससे आपकी वित्तीय विश्वसनीयता प्रभावित हो सकती है।

















