
जिले में चल रहे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Summary Revision – SSR) अभियान के तहत मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के लिए प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है, जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि मतदाता सूची से संबंधित फॉर्म भरते समय यदि किसी व्यक्ति ने जानबूझकर गलत या भ्रामक जानकारी दी, तो उसके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने पर जेल भी जाना पड़ सकता है।
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जिलाधिकारी के मुख्य निर्देश और चेतावनी
ज़िलाधिकारी ने सभी नागरिकों, बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) और सुपरवाइज़रों को चेतावनी देते हुए कहा है कि मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की दोहरी प्रविष्टि (duplicate entry) बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया:
- यदि किसी मतदाता का नाम एक से अधिक मतदान केंद्रों, विधानसभा क्षेत्रों या राज्यों में दर्ज है और उसने जानबूझकर सभी जगहों पर अपना नाम बनाए रखने के लिए फॉर्म भरा है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
- फॉर्म में गलत पता, झूठी उम्र या फर्जी दस्तावेज़ संलग्न करना एक गंभीर अपराध माना जाएगा।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के तहत, मतदाता सूची में झूठी घोषणा करने या गलत जानकारी देने पर एक वर्ष तक का कारावास या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।
मतदाता क्या करें और क्या नहीं?
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे निष्पक्ष और पारदर्शी मतदाता सूची बनाने में सहयोग करें।
- केवल उसी स्थान का विवरण भरें जहाँ आप वास्तव में निवासी हैं और वोट डालने के पात्र हैं।
- यदि आपका नाम पहले से ही कहीं और दर्ज है, तो नए स्थान पर पंजीकरण फॉर्म भरते समय पुराने स्थान से नाम हटाने के लिए विधिवत आवेदन (फॉर्म 7) अवश्य दें।
- सभी BLOs को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर-घर जाकर सत्यापन (verification) पूरी ईमानदारी से करें और किसी भी संदिग्ध मामले को तुरंत अपने सुपरवाइज़र के संज्ञान में लाएं।
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ज़िलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि इस अभियान का उद्देश्य मृत मतदाताओं और दोहरे नामों को हटाकर सूची को शुद्ध करना है, ताकि एक स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जा सके। नियमों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

















