
आज से लागू हुए नए लेबर कोड्स (श्रम संहिताएं) ने भारत में कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किए है, 21 नवंबर, 2025 से प्रभावी हुए इन कानूनों का उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों को मजबूत करना और व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।
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समय पर सैलरी और नियुक्ति पत्र जरुरी
नए लेबर कोड के अंतर्गत नियुक्ति पत्र अनिवार्य होंगे, यानी हर कामगार को नियुक्ति पत्र देना होगा. न्यूनतम वेतन का दायरा सभी श्रमिकों तक बढ़ेगा, समय पर वेतन देना कानूनन होगा. सरकार का तर्क है कि इससे रोजगार और शर्तों की पारदर्शिता बढ़ेगी. देशभर में न्यूनतम वेतन लागू होगा, ताकि कोई भी सेलरी इतना कम न हो कि जीवन यापन मुश्किल हो।
कर्मचारियों की सेहत की जांच
कर्मचारियों की सेहत को लेकर इस कानून में खास ख्याल रखा गया है. 40 वर्ष से ऊपर वाले श्रमिकों को निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य-जांच मिलेगी. यानी साल में एक बार फ्री हेल्थ चेक-अप की सुविधा मिलेगी. ठेका कर्मचारियों को भी स्वास्थ्य लाभ और सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाएगा, जोखिम-भरे क्षेत्रों के कामगारों को 100% हेल्थ सिक्युरिटी की गारंटी मिलेगी, खासकर खनन, केमिकल, कंस्ट्रक्शन जैसे हाई-रिस्क जॉब वालों को पूर्ण सुरक्षा।
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ग्रेच्युटी और ओवरटाइम पर मुख्य बदलाव
- फिक्स्ड-टर्म (निश्चित अवधि) कर्मचारियों को अब पाँच साल की सेवा की शर्त के बिना, केवल एक साल की नौकरी पूरी करने के बाद आनुपातिक आधार पर ग्रेच्युटी मिलेगी।
- कर्मचारियों द्वारा किए गए ओवरटाइम काम के लिए, नियोक्ताओं को सामान्य वेतन दर से दोगुने से कम भुगतान करने की अनुमति नहीं होगी।
अन्य प्रमुख प्रभाव
- सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन का वैधानिक अधिकार सुनिश्चित किया गया है।
- गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स सहित सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में लाया गया है।
- 40 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों के लिए मुफ्त वार्षिक स्वास्थ्य जांच अनिवार्य कर दी गई है।
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ये बदलाव श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और श्रम बाजार में अधिक पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, इन नए प्रावधानों के बारे में अधिक जानकारी श्रम और रोजगार मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर देखी जा सकती है।

















