
भारत में लोकतंत्र को मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग समय-समय पर मतदाता सूची की सफाई और अपडेट करता रहता है। इसी कड़ी में चल रही प्रक्रिया है, विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision या SIR)। इसमें घर-घर जाकर बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) मतदाताओं के साथ सीधे संपर्क करते हैं, उन्हें गणना प्रपत्र (Enumeration Form) देते हैं और इस फॉर्म को भरवाकर मतदाता सूची को अपडेट करते हैं।
इस प्रक्रिया का मकसद है मतदाता सूची की त्रुटियों को दूर करना, डुप्लीकेट नाम हटाना, पुराने या मृत मतदाताओं के नाम निकालना और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ना। इससे हमारी वोटर लिस्ट बिल्कुल साफ-सुथरी, सटीक और भरोसेमंद बनी रहती है।
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SIR प्रक्रिया कैसे चल रही है?
देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में ये प्रक्रिया 4 दिसंबर 2025 तक चल रही है। BLO दो प्रतियां गणना प्रपत्र की घर-घर जाकर देते हैं, जिसमें आपके पुराने डेटा के साथ नई फोटो लगानी होती है। अगर आपके या आपके परिवार के किसी सदस्य का नाम 2002 या 2003 की वोटर लिस्ट में है, तो आप इसे लिंक कर नए फॉर्म भर सकते हैं।
यदि आप घर पर नहीं होते, तो BLO तीन बार आपके घर आकर संपर्क करेंगे या आप ऑनलाइन भी फॉर्म भर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपका मोबाइल नंबर आपके वोटर कार्ड से लिंक होना चाहिए।
नाम कटने का डर क्यों नहीं?
इस प्रक्रिया के दौरान कई लोगों को डर लग रहा है कि कहीं उनका नाम वोटर लिस्ट से कट न जाए और वे वोटर सूची में वापस न जुड़ पाएँ, या इससे उनकी नागरिकता पर असर पड़े। लेकिन यह भ्रम बिल्कुल गलत है।
अगर किसी कारण से आपका नाम फाइनल वोटर लिस्ट में नहीं आता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप सामान्य प्रक्रिया से अपने नाम को वापस जोड़ सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन या BLO से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेज जैसे पता प्रमाण पत्र, पहचान पत्र आदि जमा करवा सकते हैं।
SIR सिर्फ मतदाता सूची को अपडेट और शुद्ध करने की प्रक्रिया है, इसमें कोई नागरिकता प्रमाणन का सवाल नहीं उठता। यदि नाम हटता भी है, तो उसे वापस जोड़ने का पूरा प्रावधान मौजूद है।
दस्तावेज़ क्या चाहिए?
यदि आपका नाम या आपके परिवार के नाम वोटर लिस्ट में पुराने रिकॉर्ड से नहीं जुड़ते हैं, तो आपको जिला चुनाव कार्यालय से नोटिस आएगा। इसके बाद आपको कुछ जरूरी दस्तावेज जैसे पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र या स्थानीय डोमिसाइल सर्टिफिकेट जमा करने होते हैं।
चुनाव आयोग ड्राफ्ट लिस्ट भी जारी करता है, जिसमें मतदाता ऑनलाइन देख सकते हैं कि उनका नाम है या नहीं। अगर नाम न हो तो शिकायत दर्ज कर पुनः नाम जुड़वाने का मौका मिलता है।
SIR क्यों जरूरी है?
- सही और सटीक वोटर लिस्ट बनाना ताकि लोकतंत्र में एक व्यक्ति, एक वोट का सिद्धांत सही तरीके से लागू हो सके।
- डुप्लीकेट या गलत नाम हटाकर चुनावों की विश्वसनीयता बढ़ाना।
- नए और योग्य मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल करना।
- निर्वाचन क्षेत्रों के सीमांकन के अनुसार मतदाता सूची को अपडेट रखना।
SIR एक मुकम्मल और विश्वसनीय प्रक्रिया है, जो हमारे लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए की जा रही है। इसमें आपके नाम कटने या नागरिकता को लेकर कोई समस्या नहीं होगी। यदि नाम कट जाए भी, तो आप आसानी से अपनी जानकारी अपडेट कर वापस जुड़ सकते हैं। इसलिए, इस प्रक्रिया में पूरी सहभागिता करें और अपने वोटर कार्ड को अपडेट रखने का यह सुनहरा मौका न दें छुटे।

















