
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के लाभार्थी किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से किसानों को 21वीं किस्त की सौगात दी। इस बार लगभग 9 करोड़ किसानों के खातों में कुल 18,000 करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए भेजे गए हैं। हर पात्र किसान को 2,000 रुपये की राशि दी गई है, जिससे किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है।
Table of Contents
क्या है पीएम किसान योजना
केंद्र सरकार की यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से चलायी जा रही है। इसके तहत पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सहायता तीन समान किस्तों में दी जाती है। यानी हर 4 महीने में सरकार किसानों के बैंक खातों में 2,000 रुपये भेजती है। यह योजना छोटे, सीमांत और महिला किसानों सभी के लिए समान रूप से लागू है।
किन राज्यों को पहले मिली किस्त
इस बार देश के चार राज्यों—पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर—को 21वीं किस्त पहले ही जारी कर दी गई थी। दरअसल, ये राज्य हाल ही में बाढ़ से प्रभावित हुए थे। ऐसे में इन किसानों को समय से आर्थिक सहायता मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने अग्रिम रूप से भुगतान किया था। अब देश के बाकी राज्यों के पात्र किसानों को भी किस्त जारी की जा चुकी है।
ऐसे करें अपनी किस्त का स्टेटस चेक
अगर आप भी पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं और जानना चाहते हैं कि पैसा आपके खाते में आया या नहीं, तो pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाकर “Beneficiary Status” सेक्शन में अपना आधार या मोबाइल नंबर दर्ज करें। “Get Data” पर क्लिक करते ही किस्तों की पूरी जानकारी स्क्रीन पर दिख जाएगी।
नहीं मिली किस्त तो ऐसे करें शिकायत
यदि खाते में राशि नहीं आई है, तो पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका बैंक अकाउंट आधार नंबर से लिंक है और eKYC प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। यदि फिर भी राशि नहीं मिलती, तो आप नजदीकी कृषि कार्यालय या किसान सेवा केंद्र में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा, हेल्पलाइन नंबर 155261 या 1800115526 पर कॉल करके भी जानकारी ले सकते हैं।
किन्हें नहीं मिलता योजना का लाभ
पीएम किसान योजना का फायदा केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके नाम पर कृषि योग्य भूमि है। लेकिन संस्थागत भूमि धारक, आयकर दाता, सरकारी नौकरी करने वाले व्यक्ति या डॉक्टर-इंजीनियर जैसे पेशेवर इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। वही किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं जो वास्तव में खेती से जुड़े हैं।

















