
केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की सेहत से जुड़ी चिंता को कुछ हद तक दूर कर दिया है। Ex-Servicemen Contributory Health Scheme (ECHS) के तहत अब इलाज के लिए नई दरें 15 दिसंबर 2025 से लागू हो रही हैं, जो सीधे तौर पर CGHS (Central Government Health Scheme) की संशोधित दरों से जोड़ी गई हैं।
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क्या है यह बदलाव?
पहले ECHS के तहत इलाज की दरें और CGHS की दरों में अंतर होता था, जिससे कई बार अस्पतालों में भुगतान विवाद या सेवा गुणवत्ता की दिक्कतें सामने आती थीं। लेकिन अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ECHS के सभी अस्पतालों और पॉलीक्लिनिक्स में वही दरें लागू होंगी जो CGHS में तय की गई हैं। इसका मतलब है कि चाहे कोई पूर्व सैनिक दिल्ली में इलाज करवाए या किसी छोटे शहर में, उसे एक समान और मानकीकृत स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी।
किन्हें मिलेगा फायदा?
यह नियम देशभर के लाखों पूर्व सैनिकों, उनके जीवनसाथियों और आश्रित परिवारजनों पर लागू होगा। ECHS कार्डधारक अब कैशलेस इलाज या रीइंबर्समेंट (reimbursement) दोनों तरीकों से लाभ उठा सकेंगे। खास बात यह है कि अब निजी पैनल अस्पतालों से भी गुणवत्तापूर्ण सेवा पाने में कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि भुगतान तय CGHS दरों के अनुसार सीधे सरकार द्वारा किया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही
यह कदम केवल सुविधाएं बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने की दिशा में भी है। पहले कई बार यह शिकायतें आती थीं कि ECHS पैनल अस्पताल जांच या उपचार के लिए मनमानी दरें वसूल रहे हैं। अब नई व्यवस्था लागू होने से ऐसी दिक्कतें काफी हद तक खत्म हो जाएंगी स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “यह बदलाव सभी स्तरों पर समानता लाएगा और पूर्व सैनिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।”
सरकार का उद्देश्य
सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि हर पूर्व सैनिक और उसके परिवार को सस्ती, मानकीकृत और गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सुविधाएं मिलें। ECHS का ढांचा वैसे भी रक्षा सेवा से रिटायर होने वाले कर्मियों को सम्मानजनक स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए बनाया गया था, और यह कदम उसी दिशा में एक मजबूत सुधार माना जा रहा है।
देशभर में प्रभाव
चूंकि CGHS की दरें अब हर बड़े और छोटे शहरों में समान रूप से लागू होंगी, इसका असर व्यापक रूप से पूरे देश में देखा जाएगा। खासकर उन राज्यों में, जहां ECHS पैनल अस्पतालों की संख्या ज्यादा है जैसे महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और पंजाब वहां के पूर्व सैनिकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट
ECHS से जुड़ी घोषणा के साथ-साथ दिसंबर 2025 में सरकार ने अन्य कई अहम फैसले भी लिए हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के हित में हैं।
- 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission): वित्त मंत्रालय ने इसकी Terms of Reference (ToR) जारी कर दी है। हालांकि, अब तक इसे लागू करने की तारीख या फंडिंग मॉडल पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
- पेंशन और ग्रेच्युटी नियम: सरकार ने यह भी तय किया है कि यदि किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु या स्थायी विकलांगता होती है, तो उसकी ग्रेच्युटी भुगतान में देरी नहीं होगी। अब ग्रेच्युटी तत्काल दी जाएगी, चाहे कर्मचारी की सेवा अवधि कुछ भी रही हो।
- महंगाई भत्ता (DA) में बढ़ोतरी: 1 अक्टूबर 2025 से केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) 55% से बढ़ाकर 58% कर दिया गया है।
क्यों महत्वपूर्ण है दिसंबर 2025 का यह अपडेट
आखिरी महीना अक्सर नीति परिवर्तनों के लिए अहम होता है, और 2025 का दिसंबर इसका उदाहरण है। ECHS में सुधार, DA में बढ़ोतरी, पेंशन नियमों में बदलाव सब मिलकर कर्मचारियों और पूर्व सैनिकों के लिए एक सकारात्मक संदेश देते हैं कि सरकार उनकी सुविधाओं को लेकर सजग है।

















