
योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के घी की गुणवत्ता पर 2017 में उठे सवालों से बाजार में हड़कंप मच गया था, उत्तराखंड सरकार की एक प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों में पतंजलि के घी के नमूने कथित तौर पर गुणवत्ता मानकों पर बुरी तरह विफल पाए गए थे। इस रिपोर्ट ने उत्पाद की शुद्धता को लेकर एक बड़ा सच सामने रखा था।
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क्या था मामला?
उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा विभाग ने 2017 में विभिन्न ब्रांडों के खाद्य नमूनों को इकट्ठा किया था। हरिद्वार स्थित लैब में इन नमूनों का गहन परीक्षण किया गया, सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, कुल 82 नमूनों में से लगभग 40 प्रतिशत गुणवत्ता परीक्षण में असफल रहे, विफल होने वाले उत्पादों की सूची में पतंजलि के घी का नाम प्रमुखता से शामिल था।
रिपोर्ट में विशेष रुप से उल्लेख किया गया था कि ‘दिव्य योग मंदिर’ (Divya Yog Mandir) ब्रांड के तहत बेचे जा रहे घी के नमूने खाद्य सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे इन परीक्षणों के परिणामों ने उपभोक्ताओं के बीच पतंजलि उत्पादों की “शुद्ध और प्राकृतिक” छवि पर सवालिया निशान लगा दिया था।
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पतंजलि ने आरोपों को किया था खारिज
हालांकि, इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद पतंजलि आयुर्वेद ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए इन परीक्षणों के परिणामों को सिरे से खारिज कर दिया था, कंपनी के प्रवक्ताओं ने उस समय इसे “भ्रामक और गलत सूचना” करार दिया था। पतंजलि का दावा था कि उनके सभी उत्पाद सख्त गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं से गुजरते हैं और हमेशा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करते हैं।
यह मामला खाद्य उत्पादों में गुणवत्ता जांच की अनिवार्यता और बड़े ब्रांडों की जवाबदेही पर बहस छेड़ गया था।

















