
बिहार सरकार ने शहरवासियों के लिए एक शानदार योजना लॉन्च की है – छत पर बागवानी। ये योजना शहरों को हरा-भरा बनाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुई है। कृषि विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन खोल दिए हैं, ताकि हर कोई आसानी से हिस्सा ले सके। बजट में 2.63 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो वित्त वर्ष 2025-26 के लिए काफी है।
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शहरों में जैविक खेती का सपना साकार
आजकल शहरों में प्रदूषण और कंक्रीट के जंगल ने साफ हवा को मुश्किल बना दिया है। इस योजना का मकसद यही है कि लोग अपनी छतों पर फल, फूल और सब्जियां उगाएं। इससे न सिर्फ ताजी उपज मिलेगी, बल्कि पर्यावरण भी बेहतर होगा। बिहार के बड़े शहरों में रहने वाले लोग अब घर बैठे जैविक खेती का मजा ले सकेंगे।
कितनी मदद मिलेगी सब्सिडी के रूप में
सरकार ने खासा उदार रवैया अपनाया है। छत बागवानी यूनिट के लिए 10 हजार रुपये की लागत पर 75 प्रतिशत यानी 7,500 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। वहीं फार्मिंग बेड के लिए 60 हजार की इकाई पर 45 हजार रुपये का अनुदान है। ये पैसे किस्तों में मिलेंगे, जिससे बोझ न पड़े। एक आम आदमी के लिए ये मदद किसी तोहफे से कम नहीं।
कौन ले सकता है योजना का लाभ
ये योजना पटना, गया, फुलवारीशरीफ, दानापुर, खगौल और बिहटा जैसे शहरी इलाकों के निवासियों के लिए है। कोई भी इच्छुक व्यक्ति आवेदन कर सकता है। लाभार्थी चयन लॉटरी से होगा, ताकि सबको बराबर मौका मिले। शहर के फ्लैट वालों से लेकर छोटे घरों तक, हर कोई इसमें शरीक हो सकता है।
छत बागवानी यूनिट
एक यूनिट में 30 गमले, पौधे, फ्रूट बैग, स्पॉन्ड ग्रो बैग जैसी चीजें शामिल हैं। एक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 5 यूनिट ले सकता है। पटना जिले में 180 यूनिट का टारगेट रखा गया है। ये किट इतनी आसान है कि बिना ज्यादा मेहनत के छत हरी हो जाएगी। बच्चे-बूढ़े सब मिलकर बागवानी का आनंद लेंगे।
फार्मिंग बेड: बड़ा सेटअप छोटी जगह पर
फार्मिंग बेड यूनिट ज्यादा बड़े स्तर की है। इसमें अधिकतम दो यूनिट लेने की छूट है। इसकी लागत 60 हजार है, जिसमें 45 हजार सब्सिडी मिलेगी – पहली किस्त 40,500 और दूसरी 4,500 रुपये। ये आर्गेनिक, होम अप्लायंस और फार्मिंग बेड जैसे विकल्पों में उपलब्ध है। छोटी छत पर भी बड़ा उत्पादन संभव हो जाएगा।
आवेदन कैसे करें, आसान तरीका
आवेदन बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन करना है। बस पोर्टल पर जाकर फॉर्म भरें, जरूरी डिटेल्स दें और सबमिट कर दें। प्रक्रिया सरल रखी गई है, ताकि टेक्नोलॉजी से परहेज करने वाले भी कर सकें। जल्दी आवेदन करें, क्योंकि सीटें सीमित हैं। विभाग की टीम गाइड करेगी हर कदम पर।
योजना से शहरों का चेहरा बदलेगा
ये योजना न सिर्फ हरियाली लाएगी, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर भी बनाएगी। ताजी सब्जियां उगाकर बाजार का खर्च बचेगा, स्वास्थ्य बेहतर होगा। रोजगार के छोटे-मोटे मौके भी पैदा होंगे। बिहार सरकार की ये पहल शहरवासियों के लिए सच्ची सौगात है, जो आने वाले दिनों में फल-फूल रही दिखेगी। उत्साहित हो जाइए और अपनी छत को बागान बनाएं!

















