
अगर आप खेतों में मेहनत करने वाले किसान हैं तो ये सुनकर खुशी होगी कि सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) आपके लिए वरदान साबित हो रही है। इसमें ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसे आधुनिक सिंचाई उपकरणों पर 45% से 80% तक की मोटी सब्सिडी मिलती है, जो सीधे बैंक खाते में आ जाती है। पानी की बूंद-बूंद बचाकर फसलें लहलहा उठेंगी, बिना किसी झंझट के।
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योजना का असली मकसद क्या है?
ये योजना 2015 से चल रही है, जिसका लक्ष्य हर खेत तक पानी पहुंचाना, जल संरक्षण करना और कम पानी से ज्यादा पैदावार लेना है। तीन मुख्य हिस्से हैं – हर खेत को पानी, प्रति बूंद अधिक फसल और वाटरशेड विकास। ग्रामीण इलाकों में सूखे की मार झेलने वाले किसानों के लिए ये जैसे जीवन रेखा है, क्योंकि पुरानी पारंपरिक सिंचाई से पानी बर्बाद होता था। अब आधुनिक तरीके से खेती सस्ती और फायदेमंद हो गई।
कौन ले सकता है इसका फायदा?
सभी किसान जो कृषि योग्य जमीन के मालिक हैं, खासकर लघु और सीमांत वाले, आसानी से अप्लाई कर सकते हैं। आपके पास खेती का कागज, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट होना चाहिए। राज्य के हिसाब से सब्सिडी रेट थोड़ा अलग हो सकता है, जैसे बिहार में 80% तक। कोई भी जाति या वर्ग का किसान इसमें शामिल हो सकता है, बस जमीन पर अपना हक साबित करना है।
जरूरी कागजात इकट्ठा कर लीजिए
आवेदन भरने से पहले ये दस्तावेज तैयार रखें – आधार कार्ड, बैंक पासबुक (आधार लिंक्ड), जमीन के दस्तावेज जैसे खसरा-खतौनी, पासपोर्ट साइज फोटो और निवास प्रमाण पत्र। अगर SC/ST हैं तो जाति प्रमाणपत्र भी जोड़ें। सब स्कैन करके रखें, क्योंकि ऑनलाइन अपलोड करना पड़ता है। ये छोटी सी तैयारी बड़े फायदे की कुंजी है।
ऑनलाइन आवेदन की आसान विधि
pmksy.gov.in या राज्य कृषि विभाग की साइट जैसे horticulture.bihar.gov.in पर जाएं। नया पंजीकरण करें, फॉर्म में नाम, पता, जमीन डिटेल्स भरें। उपकरण चुनें – ड्रिप, स्प्रिंकलर या रेन गन। दस्तावेज अपलोड कर सबमिट करें, रेफरेंस नंबर सेव कर लें। वेरिफिकेशन के बाद 15-30 दिनों में सब्सिडी खाते में आ जाएगी। ऑफलाइन के लिए नजदीकी कृषि कार्यालय जाएं।
फायदे और सावधानियां बता दें
इससे पानी 50-70% तक बचता है, फसलें मजबूत होती हैं और लागत घटती है। 2025-26 में आवेदन जोरों पर हैं, तो देर न करें क्योंकि कोटा भर सकता है। स्टेटस चेक करने के लिए उसी पोर्टल पर लॉगिन करें। हेल्पलाइन पर कॉल कर लें अगर उलझन हो। भाई किसानो, ये मौका हाथ से मत जाने दो, खेती को बनाओ कमाल की!

















