
आजकल खेतों में आवारा पशु घुसकर फसलें बर्बाद कर देते हैं, रातों की नींद उड़ जाती है। लेकिन अच्छी खबर ये है कि केंद्र और राज्य सरकारें तारबंदी योजना चला रही हैं, जिसमें 50 से 80 फीसदी तक सब्सिडी मिलती है। सिर्फ थोड़ा सा अपना पैसा लगाकर आप खेत की मजबूत बाड़ बना सकते हैं और चैन की सांस ले सकते हैं।
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योजना क्या है और क्यों जरूरी?
ये योजना किसानों को खेतों के चारों ओर कंटीली तार या सोलर फेंसिंग लगाने में मदद करती है। आवारा गाय-भैंस, सियार जैसी मुसीबतों से फसल बचाने का आसान तरीका है ये। राजस्थान, यूपी, एमपी जैसे राज्यों में ये खूब चल रही है, जहां सब्सिडी 60-70 फीसदी तक जाती है। किसान भाई सोचिए, सिर्फ 20-30 फीसदी खर्च पर पूरा खेत सुरक्षित!
कौन ले सकता है लाभ?
सबसे पहले खुद जरा जांच लो, क्या आप पात्र हैं। भारत का किसान होना चाहिए, खासकर लघु या सीमांत वाले तो ज्यादा फायदा। कम से कम आधा एकड़ जमीन होनी चाहिए, और पहले कभी सब्सिडी न ली हो। सामान्य किसानों को 50 फीसदी या 40 हजार तक, छोटे किसानों को 60 फीसदी या 48 हजार तक मिल सकता है। समूह में आवेदन करो तो और ज्यादा छूट!
जरूरी कागजात इकट्ठा कर लो
आवेदन से पहले ये सामान तैयार रखो, वरना इधर-उधर भटकना पड़ेगा। आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमाबंदी या खसरा-खतौनी, राशन कार्ड, पासपोर्ट फोटो और मोबाइल नंबर। तार खरीदने की बिल बाद में लगेगी। जनाधार या भामाशाह कार्ड हो तो राजस्थान में काम आसान। छोटे-मोटे प्रमाण पत्र भी रख लो, जैसे निवास या आय का।
आवेदन कैसे करें, स्टेप बाय स्टेप
ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों तरीके हैं, भाई। पहले अपने राज्य की कृषि विभाग वेबसाइट पर जाओ, जैसे राजस्थान में rajkisan.rajasthan.gov.in या यूपी में upagriculture.com। फॉर्म डाउनलोड करो, नाम, जमीन की डिटेल, मोबाइल भरकर OTP से वेरीफाई करो। दस्तावेज स्कैन अपलोड करो, ई-मित्र या ब्लॉक अधिकारी के पास जमा। काम पूरा होने पर सत्यापन होगा, पैसे बैंक में आ जाएंगे। ऑफलाइन चाहो तो नजदीकी कृषि कार्यालय जाओ।
फायदे और सावधानियां
इससे फसल बचेगी, मेहनत रंग लाएगी, और सरकार का साथ भी। लेकिन तारबंदी के बाद रखरखाव खुद करना, करंट न डालना और बिल सुरक्षित रखना। ज्यादा लंबाई पर प्रति मीटर हिसाब से सब्सिडी। अगर समस्या हो तो हेल्पलाइन 181 या लोकल अधिकारी से बात कर लो। भाई, देर न करो, आवेदन करो और खेती को मजा दो!

















